क्या शुक्र अस्त होने के कारण नवविवाहित नहीं रख पाएंगी करवा चौथ व्रत? जानिए

नई दिल्ली, Karwa Chauth 2022: पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस साल करवा चौथ काफी खास होने वाला है। क्योंकि इस साल शुक्र अस्त हो रहा है। शास्त्रों के अनुसार शुक्र अस्त होने पर किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। 20 नवंबर तक शुक्र अस्त रहेगा। ऐसे में किसी तरह का मुंडन-छेदन, ग्रह प्रवेश, विवाह आदि कार्य की मनाही होती है। इसलिए अगर आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही हैं, तो इस बातों का खास ख्याल रखें।
करवा चौथ की चतुर्थी तिथि 12 अक्टूबर 2022, बुधवार को रात में 2 बजकर 03 मिनट से शुरू होगा जो 13 अक्टूबर 2022, गुरुवार को रात 2 बजकर 58 बजे पर समाप्त होगा। इसलिए 13 अक्टूबर को ही करवा चौथ का व्रत रखना शुभ होगा। इस साल करवा चौथ का उद्यापन करना सही? कई महिलाएं लगातार 16 साल व्रत रखने के बाद उद्यापन कर देती हैं, लेकिन कई लोग जीवन भर रहती हैं। अगर आप भी इस बार उद्यापन करने की सोच रही हैं, तो कर सकती हैं। क्योंकि करवा चौथ का संबंध चंद्रमा से है। इसलिए शुक्र के अस्त होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। इस साल से करवा चौथ व्रत का शुरुआत करने वाली है वह भी इस साल से ही व्रत का आरंभ कर सकती हैं। क्योंकि शुक्र के अस्त होने से व्रत न करने की बात निराधार है। इसलिए नवविवाहित महिलाएं बिना किसी संकोच के इस व्रत को रख सकती हैं। शुक्र का अस्त होना क्यों अशुभ शास्त्रों के अनुसार, जब शुक्र अस्त होता है, तो इसका असर सभी प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्यों में पड़ता है। क्योंकि शुक्र की स्थिति के हिसाब से ही कई मुहूर्त की गणना की जाती है। लेकिन करवा चौथ चंद्रमा से संबंधित है इसलिए शुक्र के अस्त होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

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